OSB THE VENETIAN

 OSB THE VENETIAN

ओल्ड लेडी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरा दोस्त मेरे घर के पास रहता था. उसकी दादी की मदद करते करते मैं उनके गोर जिस्म पर आकर्षित हो गया और …

मेरे प्रिय पाठको, यह ओल्ड लेडी सेक्स स्टोरी मेरे ख़ास दोस्त की दादी की है.

अमीश कक्षा 12 में मेरा सहपाठी था और मेरे ही मुहल्ले में रहता था. उसके पापा आनन्द बालानी स्टेट बैंक में थे और माँ रेखा सेन्ट्रल स्कूल में टीचर थी.

उससे तीन साल बड़ी उसकी बहन मल्लिका थी, जिसे सब मालू कहकर बुलाते थे. इन चारों के अलावा उस घर में अमीश की दादी थी.
अमीश के दादा की मृत्यु तब हो गई थी जब अमीश के पापा चार साल के थे.

कक्षा 12 उतीर्ण करने के बाद अमीश इंजीनियरिंग करने बंगलौर चला गया.  OSB THE VENETIAN


मैं काफी दिनों से मल्लिका को लाइन मार रहा था लेकिन वो मुझे भाव नहीं दे रही थी. मैं भी काफी संभलकर चल रहा था कि कहीं अमीश को मेरी शिकायत न कर दे.

अमीश के जाने के बाद मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई थी और अपना रास्ता बनाने के लिए मैं अक्सर दादी के पास चला जाता था ताकि मल्लिका के करीब जाने का मौका मिल सके.
सारा दिन दादी पोती ही घर पर रहती थीं.

मल्लिका की आयु करीब 22 साल, कद पांच फीट चार इंच, चूचियां 34, कमर 30 और चूतड़ 38 इंच के थे. इतनी नापजोख तो मेरी आँखों ने कर ली थी.

एक बार मल्लिका की ननिहाल में कोई शादी थी जिसमें मल्लिका व उसके मम्मी पापा एक हफ्ते के लिए जयपुर गये.

जाने से पहले आंटी ने मुझे बुलाया और कहा- विजय, अमीश तो यहाँ है नहीं … इसलिए हमारी गैरमौजूदगी में तुम आते रहना, दादी का ध्यान रखना.  OSB THE VENETIAN


मल्लिका को गये दूसरा ही दिन था कि दादी का फोन आया- विजय, मुझे मूव क्रीम लाकर दे दो.
मैं मूव लेकर पहुंचा तो दादी ने बताया कि रात को बाथरूम जाते समय फिसल गई थी और कूल्हे में दर्द है.

कुछ देर रुकने के बाद मैं चला आया.

शाम को दोबारा गया तो हाल पूछा.
दादी ने बताया कि दर्द वैसा ही है  OSB THE VENETIAN

. मुझे लगता है कि मैं ठीक से मूव लगा भी नहीं पाई, मालू होती तो अच्छे से लगा देती.

मैंने कहा- मैं लगा दूँ?
तो दादी ने मना कर दिया.

मैंने बार बार कहा तो झिझक के साथ मान गईं.
दादी की उम्र करीब 60 साल थी और  OSB THE VENETIAN

 कद काठी लगभग मल्लिका जैसी ही थी और रंग बहुत साफ था.

मूव लेकर दादी बेड पर आ गईं, अपनी सलवार का नाड़ा खोलकर पेट के बल लेट गईं.
फिर सलवार नीचे खिसकाकर दर्द की   OSB THE VENETIAN

 जगह पर हाथ रख दिया.

मैं हल्के हाथों से मूव मलने लगा.

मैरुन कलर की पैन्टी में दादी के गोरे गोरे चूतड़ देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया.

मूव लगाकर मैं अपने घर वापस आ गया.

रात को बिस्तर पर पहुंचा तो नींद कोसों दूर थी. आँखों के सामने बार बार दादी के चूतड़ चमकने लगते, आखिरकार मुठ मारकर अपने लण्ड को शांत किया.

दूसरे दिन दादी के पास गया और जिद करके फिर मूव लगाई और बहाने से चूतड़ सहला लिए.

वहीं से मल्लिका की मम्मी को फोन मिलाकर बताया कि दादी फिसल गई थीं, वैसे आप चिंता न करें. मैं यहाँ हूँ और आपके आने तक अब मैं रात को यहीं रूक जाऊंगा.
दादी के मना करने पर भी मैं जिद करके रूक गया.

रात को सोने का समय हुआ तो दादी ने मेरे लिए अमीश का लोअर टीशर्ट निकाल दिया.

सोने से पहले दादी बाथरूम गई और  OSB THE VENETIAN

 सलवार सूट उतारकर नाइटी पहनकर आ गई.

दादी बेड पर लेट गई तो मैंने पूछा- दादी, मूव लगा दूँ?

“नहीं, विजय. अब नहीं. सुबह लगा देना, वैसे काफी आराम है.”
“दादी, सोते समय लगवा लो, ज्यादा फायदा करेगी.”
“नहीं बेटा, इस समय नहीं लगवा सकती.”

“क्यों दादी?”
“बेटा, बात दरअसल ये है कि मैं सोते समय पैन्टी नहीं पहनती और बिना पैन्टी पहने नाइटी ऊपर कैसे कर सकती हूँ?”

“दादी, मैं तो अमीश जैसा हूँ.”
“तो क्या हुआ? हो तो मर्द. तुम्हारे दादा को मरे 36 साल हो गये हैं, किसी मर्द की नजर मेरे शरीर पर नहीं पड़ी.”

“दादी, आप भी कैसी बातें करती हैं, बच्चों से कैसा पर्दा? वो भी कष्ट के समय में. और बहुत ऐसी बात है तो मैं लाइट ऑफ कर देता हूँ, आप मूव  OSB THE VENETIAN

 लगवा लो.”
इतना कहकर मैंने लाइट ऑफ कर दी.

दादी की नाइटी कमर तक उठा दी और मूव मलने लगा. दादी के चूतड़ सहलाने से मेरा लण्ड फड़फड़ाने लगा.

काफी देर तक चूतड़ सहलाने के बाद दादी बोली- बस कर बेटा, अब सो जा.

मैं बाथरूम गया, हाथ धोये, पेशाब किया और बाथरूम में रखे नारियल के तेल से अपने लण्ड की मसाज की और तेल की शीशी लेकर बेड पर आ गया और दादी की टांगें दबाने लगा.
दादी बोली- इतनी सेवा तो कभी अमीश ने भी नहीं की.

मैंने हथेली पर थोड़ा सा तेल लेकर दादी की जांघों पर मला तो दादी बोलीं- ये क्या है?
तो मैंने कहा- दादी, मसाज करने से आपको आराम मिलेगा.

“भगवान तुझको लम्बी उम्र दे बेटा.”

जांघों की मसाज करते करते मेरा हाथ दादी की चूत तक पहुंच गया.
दादी की चूत पर बाल थे लेकिन ऐसा लगता है कि जैसे आठ दस दिन पहले साफ किये गये थे.

जांघों की मसाज करते करते मैं दादी की  OSB THE VENETIAN

 चूत की मसाज करने लगा, दादी को भी शायद अच्छा लग रहा था.

मैंने अपना लोअर उतार दिया और दादी की टांगें घुटनों से मोड़कर उसकी जांघों की मसाज करने लगा.

जांघ पर हाथ फेरते हुए जब हाथ दादी की चूत के पास जाता तो मेरी ऊंगली दादी की चूत के लबों से छू जाती.

हथेली में तेल मलकर मैंने दादी की चूत की मसाज शुरू की और मसाज करते करते अपनी ऊंगली चूत में डाल दी.
“विजय, ये क्या पर रहे हो? मत करो, मेरी सोई उमंगें न जगाओ, हट जाओ बेटा, अब सो जाओ.”

दादी की चूत से अपनी ऊंगली बाहर निकालकर मैंने दादी से पूछा- दादी, पिछले 36 सालों में कभी आपकी उमंगों ने जोर नहीं मारा?
“नहीं बेटा, तेरे दादा के मरने के मरने के बाद मैं अपने मायके चली गई. वहां भरापूरा परिवार था, मां थी, भाभियां थीं, वहीं जिन्दगी कट गई.”

दादी से बात करते करते मैंने अपने लण्ड का सुपारा दादी की चूत के मुखद्वार पर रख दिया और पूछा- दादी, इसे अन्दर जाने दूँ?

“मैं न कहूँ या हाँ कहूँ … तू अब मानने वाला नहीं. इसलिए तू अपनी मर्जी कर ले.”

दादी की कमर पकड़कर मैंने दबाव डाला तो मेरे लण्ड का सुपारा दादी की चूत के अन्दर हो गया.
और दबाया तो धीरे धीरे पूरा लण्ड दादी की गुफा में समा गया.

लण्ड अन्दर जाते ही दादी अपने चूतड़ उचकाने लगीं.
तभी दादी ने अपने चूतड़ ऊपर उठाये और चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख दिया.
दादी ने अपनी नाइटी और ऊपर खिसका  OSB THE VENETIAN

 कर मेरा हाथ अपनी चूची पर रख दिया.

अपने लण्ड को दादी की चूत के अन्दर बाहर करते हुए मैं दादी की चूचियां मसलने लगा.
मेरे बालों को सहलाते हुए दादी बोली- इतना अच्छा तो जवानी में भी नहीं लगता था, जितना अब लग रहा है.

पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार से चल रही चुदाई धीरे धीरे स्पीड बढ़ाते हुए राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार पर पहुंची तो मेरा लण्ड फूलकर और टाइट हो गया.

दादी भी चूतड़ उठा उठाकर झटके मारने लगी तो मेरे लण्ड ने फव्वारा छोड़ दिया.
अपनी टांगों से दादी ने मेरी कमर को जकड़ लिया और वीर्य की आखिरी बूंद टपक जाने के बाद छोड़ा.

मैं बाथरूम गया, पेशाब करके अपना लण्ड धोकर साफ किया और आकर लेट गया.

अब दादी उठी, पहले बाथरूम गई फिर किचन में.
किचन से लौटी तो मेरे लिए एक गिलास दूध लेकर आई.

दूध पीकर हम लेट गये तो मैं दादी की  OSB THE VENETIAN

 चूचियों से खेलने लगा.
दादी की नाइटी ऊपर खिसकाकर मैंने दादी की चूची मुंह में ली तो दादी मेरा लण्ड सहलाने लगी.

थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड कड़क हो गया तो दादी ने मेरा लोअर नीचे खिसकाया और मेरा लण्ड चूसने लगी.

69 की पोजीशन में आकर मैंने दादी की चूत पर जीभ फेरी तो दादी तुरंत ही चुदासी हो गईं और टांगें फैलाकर लेट गईं.

दादी को मैंने घोड़ी बनने को कहा तो वो घोड़ी बन गईं.
मैंने लाइट ऑन कर दी तो दादी शर्मा गईं और चादर ओढ़ कर बोलीं- लाइट ऑफ कर दो.

चादर खींचकर अलग की मैंने … और दादी को घोड़ी बना दिया.
मैंने दादी के पीछे आकर अपने लण्ड को दादी की चूत में पेल दिया.

दादी के गोरे गोरे चूतड़ और गांड के गुलाबी चुन्नट देखकर मैं दादी की गांड मारने के लिए बावला हो गया.
लेकिन दादी के यह कहने पर कि  OSB THE VENETIAN

 आज नहीं फिर किसी दिन मार लेना, मैं मान गया.

उस रात दादी को तीन बार चोदा और अगले पांच दिन तक दादी की जमकर चुदाई की और एक बार गांड भी मारी. गांड मराने में हुए दर्द के कारण दादी दोबारा गांड मराने को राजी नहीं हुईं.

मल्लिका और उसके मम्मी पापा को वापस लौटे एक हफ्ता बीत चुका था.

इस एक हफ्ते में मैं रोज ही मल्लिका के घर गया और आते जाते कभी दादी के चूतड़ दबा दिये तो कभी चूची दबा दी.
लेकिन चुदाई का मौका नहीं मिल पा रहा था क्योंकि मल्लिका हमेशा घर पर होती थी.

तभी एक दिन दादी का फोन आया- मल्लिका अभी अभी बाहर गई है. दो तीन घंटे में वापस आयेगी. तुम जल्दी आ जाओ, मेरी चूत बहुत कुलबुला रही है, भूखी है, इसको तुम्हारा लण्ड चाहिए.

मैं तुरन्त पहुंचा.
मेरे पहुंचते ही दादी तुरन्त नंगी होकर बेड पर लेट गईं.

मैंने भी वक्त बरबाद न करते हुए अपने कपड़े उतारे और अपना लण्ड दादी की चूत में पेल दिया.

दादी ने मुझे जकड़ लिया और बेतहाशा चूमते हुए अपने चूतड़ उचकाते हुए बोलीं- ऐसा कैसे चलेगा, विजय? मुझे तो तुम्हारे लण्ड की आदत हो गई है, मल्लिका के घर रहते तो मेरी चूत तड़पती रहेगी.
“एक काम करना पड़ेगा दादी.”
“क्या?”

“मल्लिका को इस खेल में शामिल करना पड़ेगा.”
“कैसी बातें करते हो, विजय?”

“हां, दादी. यही एक रास्ता है, वरना  OSB THE VENETIAN

 मैं तो तड़प तड़प कर मर जाऊंगा. पिछले दस दिन में मेरी क्या हालत हुई है, मैं ही जानता हूँ.”
“तड़पी तो मैं भी बहुत हूँ, विजय. रात रात भर तुमको याद करके अपनी चूत में ऊंगली चलाती रही हूँ.”

“तो कुछ करो, दादी.”
“कैसे करूँ, विजय. कैसे करूँ?”

“क्या कैसे करना है, मैं आपको समझा दूंगा, एक बार मल्लिका इस खेल में शामिल हो गई तो हमारी मौज ही मौज है.”

अपने चूतड़ उचका उचकाकर मेरे लण्ड का मजा लेते हुए दादी बोलीं- करूंगी बेटा, कुछ भी करूंगी.

मेरे डिस्चार्ज का समय करीब आया तो मेरा लण्ड फूलकर मूसल जैसा हो गया.
तो दादी ने अपनी चूत सिकोड़ कर OSB THE VENETIAN

  टाइट कर ली. जब मेरे लण्ड से पिचकारी छूटी तो दादी ने अपनी टांगों से मेरी कमर को लपेट लिया.
मैंने कपड़े पहने और वापस लौट आया.

आपको इस ओल्ड लेडी सेक्स स्टोरी में मजा आया? कमेंट्स करने मुझे बताएं.
vijaykapoor01011960@yahoo.com

ओल्ड लेडी सेक्स स्टोरी जारी रहेगी.

Comments

Popular posts from this blog

ROF Sector 36 Sohna Floors come under a DDJAY policy Gurgaon

MKS City County Sector 2 Sohna

Emaar EBD 114 offer luxury SCO space for shops and offices in SCO plots in Gurgaon